आमतौर पर यह धारणा प्रचलित है कि संभोग के अनेक आसन होते हैं। 'आसन' कहने से हमेशा योग के आसन ही माने जाते रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या संभोग के सभी आसनों का योग के आसनों से कोई संबंध है। यदि है तो कितना और कैसे।
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